शनिवार की दोपहर लखीसराय शहर के रजौना वार्ड नंबर एक में खुदाई के दौरान एक युवक को भगवान विष्णु की लगभग दो फीट की काली मूर्ति मिली। यह मूर्ति करीब एक हजार साल पुरानी है। मूर्ति मिलने की जानकारी होते ही आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गयी. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को अनिश यादव नामक ग्रामीण लखीसराय के प्रसिद्ध अशोकधाम मंदिर के पास एक खेत में फूल लगा रहा था.
खुदाई के दौरान जमीन के नीचे से गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी, जब मिट्टी हटाई गई तो भगवान विष्णु की अद्भुत मूर्ति मिली। ग्रामीणों ने खुदाई के दौरान मिली मूर्ति को गांव के ही एक मंदिर में रख दिया है. मंदिर में पूजा चल रही है. प्रतिमा की ऊंचाई करीब 2.5 फीट है.
बिहार संग्रहालय पटना के सहायक निदेशक डॉ. रविशंकर ने बताया कि यह प्रतिमा 12वीं शताब्दी के पाल काल की है. इसमें मुंगेर-जमालपुर शैली की शानदार कलाकृति है। मूर्ति में सभी प्रमुख प्रतीकों में भगवान विष्णु को दर्शाया गया है। मूर्ति पर शंख, चक्र, गदा और पदम स्पष्ट रूप से उकेरे गए हैं। काले पत्थर से बनी यह मूर्ति पाल काल की शिल्पकला को दर्शाती है। यह उस समय की धार्मिक मान्यताओं के बारे में भी बताता है।
मूर्ति में भगवान विष्णु की मुद्रा गंभीर और सौम्य है, जो दिव्यता और शक्ति का प्रतीक है। मुंगेर-जमालपुर शैली की यह मूर्ति पाल काल के शिल्प के विकास को दर्शाती है। वहीं विश्व भारती विश्वविद्यालय शांति निकेतन के प्रोफेसर पुरातत्व विशेषज्ञ प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि यह मूर्ति 11वीं से 12वीं शताब्दी की है. लखीसराय के इस क्षेत्र में कई पुरातात्विक मूर्तियां और अवशेष बिखरे हुए हैं।